मंगलवार, दिसंबर 31, 2013

कल हो न हो

Wednesday, 31/12/2013
http://apnyvaani.blogspot.in/2013/12/blog-post_31.html
तीन बातों का असर मुझ पर गहरा हुआ  : -
1 - माँ-बाप का प्यार !
2 - बड़े मामा श्री वेदप्रकाश जी का अनुशासन !!
3 - फ़िल्में !!!
माँ-बाप ने मुझे कभी कोई कमी नहीं अखरने दी; गाँव के लोग अक्सर मेरे जूते, चप्पल और कपड़े नमूने के तौर पर देखने आते थे; 
कठोर परिश्रम, अनुशासन, मानवीय गुण और व्यापारिक अक़ल मैंने अपने बड़े मामाजी के अधीन रहकर 1970 से 1974के चार सालों में सीखी;
पहली फ़िल्म 1969 में जॉय मुकर्जी की 'हमसाया' रायसिंहनगर NEW-LIGHT CINEMA में चाचा मदनलाल जी के साथ,  R 1.20 में देखी . 1971से 1974 देहरादून, 1975-76जम्मू में,और फिर 1976 से 80तक रायसिंहनगर और श्रीगंगानगर में, खूब फ़िल्में देखीं; इस के बाद ये सिलसिला कम होता गया; अब तो साल में एक-दो शायद ही देख पाता हूँ;  
शुरू से आज तक जो भी फ़िल्में थीं, सबने कुछ न कुछ शिक्षा जरूर दी है; 
शायद ही कोई फ़िल्म हो, जिसने मुझे रुलाया न हो ! 
नव-वर्ष 2014 ईस्वी की पूर्व संध्या पर, सभी परम श्रद्धेय बुज़ुर्गों, मित्रों और सहृदयों को शुभ-कामनाएं ,

मंगल भवन अमंगल हारि !
द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारि !! 

सोचता हूँ; ज़िन्दगी यूँ ही गुज़रती रहे !
क़ाफ़िला यूँ ही चलता रहे !!
शायद, कल हो न हो  !!!
HAPPY WEDNESDAY, 2014
धर्म की जय हो ; अधर्म का नाश हो !
प्राणियों में सद्भाव हो; विश्व का कल्याण हो!!

जयहिंद جیہینڈ  ਜੈਹਿੰਦ  
Ashok, Tehsildar  Srivijaynagar  9414094991
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