हिन्दुओं में शरीर नष्ट होने के पश्चात, पुनर्जन्म की अवधारणा है। इसलिए मृत शरीर rest in peace नहीं होता।
वासांसि जीर्णानि यथा विहाय,
नवानि गृह्णाति नरोअपराणि।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णान्यानि,
संयाति नवानि देहि।।
हिन्दुओं के छोटे बच्चों तथा कुछ सम्प्रदायों में बड़ों को भी दफनाया तो जाता है, किन्तु शरीर को विनाशी व आत्मा को अविनाशी मानते हैं ।
वे अहिन्दु RIP कहते हैं, जो धार्मिक स्तर पर मानते हैं कि:-
मृत्यु के बाद, कब्र में सुरक्षित रखा शरीर किसी दिन जीवित हो जाएगा, तब तक (RIP) शान्ति पूर्वक आराम करो।
हिन्दु शरीर व आत्मा को अलग अलग मानते हैं । शरीर नश्वर मानकर नष्ट किया जाता है।
आत्मा अनश्वर होने से उसके लिए :-
शान्ति,
मोक्ष,
या फिर श्रेष्ठ जन्म
की कामना की जाती है।
अहिन्दु सुरक्षित रखे गए मृत शरीर के लिए कामना करते हैं :-
Rest In Peace
हिन्दु शरीर के लिए नहीं बल्कि आत्मा के कल्याण की प्रार्थना करते हैं ।
हिन्दुओं का शरीर नष्ट होने से RIP नहीं होता ।
वासांसि जीर्णानि यथा विहाय,
नवानि गृह्णाति नरोअपराणि।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णान्यानि,
संयाति नवानि देहि।।
हिन्दुओं के छोटे बच्चों तथा कुछ सम्प्रदायों में बड़ों को भी दफनाया तो जाता है, किन्तु शरीर को विनाशी व आत्मा को अविनाशी मानते हैं ।
वे अहिन्दु RIP कहते हैं, जो धार्मिक स्तर पर मानते हैं कि:-
मृत्यु के बाद, कब्र में सुरक्षित रखा शरीर किसी दिन जीवित हो जाएगा, तब तक (RIP) शान्ति पूर्वक आराम करो।
हिन्दु शरीर व आत्मा को अलग अलग मानते हैं । शरीर नश्वर मानकर नष्ट किया जाता है।
आत्मा अनश्वर होने से उसके लिए :-
शान्ति,
मोक्ष,
या फिर श्रेष्ठ जन्म
की कामना की जाती है।
अहिन्दु सुरक्षित रखे गए मृत शरीर के लिए कामना करते हैं :-
Rest In Peace
हिन्दु शरीर के लिए नहीं बल्कि आत्मा के कल्याण की प्रार्थना करते हैं ।
हिन्दुओं का शरीर नष्ट होने से RIP नहीं होता ।
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